क्या आत्महत्या ही अंतिम उपाय है ?

जिंदगी खुबसूरत है!
आत्महत्या और कायरता मेरे नज़र में एक ही हैं | कठिनाइय कहाँ नहीं होती है ? जब तुम अपनी माँ के कोख से बहार आ रहे थे तो अपनी मौत से जूझ रहे थे | और तुम्हारी माँ तुमसे भी कई गुना जादा मुस्किल में थीं | तभी उन्हें वो असहनीय दर्द हो रहा था जो तुम कभी भी महसूस नहीं कर सकते| लेकिन उन्होंने तो हार नहीं मानी |

तुम उस माँ की कोख से जन्मे हो और कायर के भाँती आत्महत्या के ख्याल लाते हो| नहीं तुम्हारी परेशानियां आत्महत्या खत्म नहीं कर सकता| तुम साहसी हो तुमने बहुत सी परेशानियाँ देखि हैं और आगे बढ़ते गये हो| तुमहरे पास अपने अंतर्मन की लड़ाई से भाग जाने का कोई विकल्प ही नहीं है | 

ऐसा जानो की आत्महत्या कोई सब्द तुम्हारे सब्दकोष में ही नहीं है| हम इन्सान है, और हम ही इस धरती के सबसे बुद्धिमन जीव हैं| हमारे पास समुन्दर की गहराईयों में जाने से ले कर चाँद तक पे जाने के उपाएँ हैं |

तो फिर तुम्हे ऐसा कैसे लगता है की तम्हारी परेशानी का हल हमारे पास नहीं होगा? 

अगर मरना ही है तो उस वीर की तरह अपने देश के लिए मरो जो देश की शाल के लिए जान गवाते हैं| ना की उस कायर की तरह मरो जो अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए अपने माता पिता और सभी प्रियेजानो को तकलीफों में छोड़ कर जाता है|

हां माना मैंने कोई कारन होगा माना जिंदगी बहुत कठिन होगयी होगी| तो ? तो तुम सिर्फ अपनी ख़ुशी के लिए अपने प्यारे परिवार को छोड़ कर जाना मंज़ूर करते हो ? इतने  निष्ठुर हो ? बुढ़ापे में माँ बाप की लाठी क्या बनोगे बस एक सुई बनकर छुभ्ने को टायर हो| क्यों अपने माँ बाप को जीते जी मारने को आमादा हो ?

हाँ मन मैंने बहुत सी परेशानिया हैं और तुमने बहुत तकलीफ है इस जिंदगी में| सच बताऊँ, मुझे भी थी| मरने मारने के ख्याल मझे भी बहुत सताते थे| लेकिन मैंने हार ना मानने की ठानी और विस्वास करो मेरा जिंदगी हमेशा बदलती है|

आज बुरे वक्त हैं लेकिन कल येही तुम्हे विजेता से महसूस कर वाएंगे| हार मत मानो मुझे बताओ तुम्हारी हर परेशानी को अपना बनाने को तयार हूँ| तुम्हारी डूबती जिंदगी को किनारे लाने को तयार हूँ| बस अपना हाथ तो बढाओ वादा है डूबने नहीं दूंगा| इसी जिंदगी के ज्वारभाटे में तैरना जो सिखा है मैंने!

ठीक है! मान लिया दुनिया में सबसे जादा तकलीफ है तुमहे| तो कभी भिखे मजदूरों तो दिनों तक पैदल अपने घर जाते देखा है कभी? चलो सुना तो होगा ही? लेकिन उनको और पास से जानने की कोसिस करोगे तो जानोगे की की बच्चो को खाना तक नहीं खिला पाने के पैसे नहीं है| भूख से अपने बच्चो को तड़प कर मरते भी देखा है कईयों ने| अभी भी लगता है तम्हारी परेशानी बड़ी है?

तुम्हारे पास अगर खाने को खाना है और रहने को घर तो तुम्हे कोई परेशानी नहीं है| और जो है वो तम्हारी ज़िन्दगी से बड़ी तो हो ही नहीं सकती| फिर भी जो भी हो किसी परेशानी का हल कभी भी आत्म्या हत्या नही हो सकती|

तूम बहादुर हो, तुम अपनी मान के चहेते हो, होनहार हो, तुममे हर परेशानी से लड़ने की शक्ति है| हां ठीक सक्तिमान के जैसे| तो अपनी ताकतों को पहचानो और आगे बढ़ो|

(याद रखना मै यही हूँ तुम्हारे लिए, तुम्हारी परेशनियों को हल करने के लिए| हार मानने से पहले एकबार यह आना और मुझे बताना मै तुम्हे तम्हारी शक्तियों से मिलवाऊंगा| मै तुम बन जाऊंगा|)

अपनी परेशानियों को लाइफ पथ  के साथ सझन करे और खुश रहने के तरीको ढूंढे| 

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